Mangalwar Vrat Katha book

Shri Hanuman Vrat Katha श्री हनुमान मंगलवार व्रत कथा

WhatsApp चैनल में अभी जुड़े !!!
Telegram Group में अभी जुड़े !!!

Shri Hanuman Vrat Katha (हनुमान व्रत कथा) Shree Hanuman Vrat Katha Hanuman Ji Ki Vrat Katha – मंगलवार (हनुमानजी) व्रत कथा hanuman vrat katha lyrics | श्री हनुमान मंगलवार व्रत कथा | Katha Shri Hanuman Mangalwar Vrat Katha | hanuman katha in hindi pdf | राम भक्त हनुमान जी की कथा | मंगलवार व्रत कथा विधि Mangalwar Vrat Katha श्री मंगलवार व्रत कथा 2025 – मंगलवार व्रत की कहानी मंगलवार व्रत कथा PDF

इस व्रत को करने पर हनुमानजी करेंगे सभी कष्ट दूर, जानें महत्व पूजाविधि और कथा

Shri Hanuman Vrat Katha
Shri Hanuman Vrat Katha

हनुमान जी को पराक्रम, बल, सेवा और भक्ति के आदर्श देवता माने जाते हैं। इसी वजह से पुराणों में हनुमानजी को सकलगुणनिधान भी कहा गया है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी लिखा है कि- ‘चारो जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा।’ इस चौपाई का अर्थ है कि हनुमानजी इकलौते ऐसे देवता हैं, जो हर युग में किसी न किसी रूप गुणों के साथ जगत के लिए संकटमोचक बनकर मौजूद रहेंगे। शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमानजी की सेवा करने और उनका व्रत रखने से उनकी विशेष कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है। जानिए मंगलवार की व्रत कथा और पूजन विधि।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, हनुमानजी का व्रत करने से कुंडली में मौजूद सभी ग्रह शांत हो जाते हैं और उनकी अशीम कृपा प्राप्त होती है। अपने भक्तों पर आने वाले हर संकट को हनुमानजी दूर करते हैं। संतान प्राप्ति के लिए हनुमानजी का व्रत फलदायी माना जाता है। इस व्रत को करने से भूत–प्रेत और काली शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है। मंगलवार का व्रत करने से सम्मान, साहस और पुरुषार्थ बढ़ता है।

हनुमानजी का व्रत लगातार 21 मंगलवार करना चाहिए। मंगलवा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान वगैरह से निवृत्त होकर सबसे पहले हनुमानजी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प करें। इसके बाद ईशान कोण की दिशा (उत्तर-पूर्व कोने) में किसी एकांत स्थान पर हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर गंगाजल के छीटें देकर उनका लाल कपड़ा धारण कराएं। फिर पुष्प, रोली और अक्षत के छीटें दें। इसके बाद चमेली के तेल का दीपक जलाएं और तेल की कुछ छीटें मूर्ति या तस्वीर पर डाल दें।

इसके बाद हनुमानजी फूल अर्पित करें और अक्षत व फूल हाथ में रखकर उनकी कथा सुनें और हनुमान चालिसा और सुंदरकांड का पाठ भी करें। इसके बाद आप भोग लगाएं और अपनी मनोकामना बाबा से कहें और प्रसाद सभी में वितरण कर दें। अगर संभव हो सके तो दान जरूर करें। शाम के समय भी हनुमान मंदिर जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और सुंदरकांड का पाठ करें और उनकी आरती करें। 21 मंगलवार के व्रत होने के बाद 22वें मंगलवार को विधि-विधान के साथ बजरंगबली का पूजा कर उन्हें चोला चढ़ाएं। उसके बाद 21 ब्राह्मणों को बुलाकर उन्हें भोजन कराएं और क्षमतानुसार दान–दक्षिणा दें।

एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति प्रेमभाव से साथ-साथ रहते थे लेकिन उनकी कोई संतान ना होने के कारण दुखी रहते थे। ब्राह्मण हर मंगलवार के वन जाकर हनुमानजी की पूजा करने जाता था और संतान की कामना करता था। ब्राह्मण की पत्नी भी हनुमानजी की बहुत बड़ी भक्त थी और मंगलवार का व्रत रखती थी। वह हमेशा मंगलवार के दिन हनुमानजी का भोग लगाकर ही भोजन करती थी।

एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी भोजन नहीं बना पाई, जिससे हनुमानजी का भोग नहीं लग सका। तब उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमानजी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी। वह छह दिन तक भूखी–प्यासी रखी और मंगलवार के दिन व्रत के दौरान बेहोश हो गई।

ब्राह्मणी की निष्ठा और लगन को देखकर हनुमानजी बहुत प्रसन्न हुए और आशीर्वाद के रूप में एक संतान दी और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा। संतान पाकर ब्राह्मणी बहुत प्रसन्न हुई और उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय बाद जब ब्राह्मण घर आया, तो घर में बच्चे की आवाज सुनाई दी और अपनी पत्नी से पूछा कि आखिर यह बच्चा कौन है? ब्राह्मणी की पत्नी ने कहा कि हनुमानजी ने व्रत से प्रसन्न होकर अपने आशीर्वाद के रूप में यह संतान हम दोनो की दी है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की इस बात पर विश्वास नहीं हुआ।

एक दिन जब ब्राह्मणी घर पर नहीं थी तो ब्राह्मण ने मौका देखकर बच्चे को कुएं में गिरा दिया। जब ब्राह्मणी घर लौटी तो उसने मंगल के बारे में पूछा। तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया और ब्राह्मण बच्चे को देखकर आश्चर्य चकित रह गया। रात को हनुमानजी ने ब्राह्मण को सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह संतान तुम्हारी है। ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखने लगे।

शास्त्रों के अनुसार, जो भी मनुष्य मंगलवार व्रत और कथा पढ़ता या सुनता है, उसे हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। उसके सभी कष्ट दूर होते हैं और हनुमानजी की दया के पात्र बनते हैं।


Tags: hanuman vrat katha in hindi hanuman vrat katha pdf hanuman vrat katha in english hanuman vrat katha in telugu pdf free download hanuman ji ki vrat katha hanuman ji ke vrat katha hanuman jayanti vrat katha hanuman mangalvar vrat katha mangalwar ki hanuman ji ki vrat katha mangalwar hanuman vrat katha shri hanuman vrat katha hanuman ji vrat katha hanuman ji ki vrat katha in hindi hanuman ji vrat katha pdf download

FAQ- मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha)

Q. मंगलवार व्रत की कथा क्या है?

Ans. मंगलवार व्रत कथा – ब्राह्मण की पत्नी भी हनुमान जी की बहुत बड़ी भक्त थी और मंगलवार का व्रत रखती थी। हमेशा मंगलवार के दिन हनुमान जी का भोग लगाकर ही भोजन करती थी।

Q. हनुमान जी के व्रत की विधि क्या है?

Ans. मंगलवार को व्रत के लिए प्रात: काल उठकर स्नान करें और लाल रंग का कोई नया या धुला हुआ कपड़ा पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और जलाभिषेक के साथ ही व्रत की तैयारी करें। अपने निकट के हनुमान मंदिर में स्थापित मूर्ति को चमेली के तेल और केसरिया सिंदूर से चोला चढ़ाएं। संभव हो तो प्रसाद भी बांटें।

Q. हनुमान जी का प्रसिद्ध व्रत कौन सा है?

Ans. Mangalvar Ka Vrat – मंगलवार का दिन बजरंगबली का दिन माना जाता है।

Q. हनुमान जी के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?

Ans. हनुमान जी के व्रत में शाम को घी में बनी पूरी, बेसन के लड्डू, लौकी की खीर, या हलवा खाया जा सकता है. व्रत में गुड़ का सेवन करना भी शुभ माना जाता है.

Q. क्या मंगलवार के व्रत में चाय पी सकते हैं?

Ans. दरअसल व्रत में चाय पीने की कोई मनाही नहीं है।

Q. मंगलवार को व्रत रहने से क्या होता है?

Ans. ये व्रत सम्मान, बल और साहस को बढ़ाता है। होनहार और भाग्यशाली संतान प्राप्ति के लिए भी मंगलवार का व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है। इस व्रत के प्रभाव से भूत-प्रेत और काली शक्तियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में मंगल कमजोर है और शुभ फल नहीं दे रहा है, तो मंगलवार के दिन जरूर व्रत करना चाहिए।

Q. मंगलवार किस भगवान का दिन होता है?

Ans. हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमानजी को समर्पित है. इस दिन हनुमानजी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को बल, बुद्धि, विद्या, और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है

Facebook ग्रुपजॉइन Quora
जॉइन टेलीग्रामजॉइन Tumblr
Employment Newsजॉइन Twitter
Scroll to Top